स्कूल की जर्जर इमारत: बच्चों की पढ़ाई पर संकट

स्कूल की जर्जर इमारत: बच्चों की पढ़ाई पर संकट

उज्जैन जिले के खाचरौद जनपद की ग्राम पंचायत रतन्याखेड़ी का प्राथमिक स्कूल भवन खंडहर में तब्दील हो चुका है। दीवारों का प्लास्टर उखड़ गया है, ईंटें साफ नजर आने लगी हैं, दरवाजे सड़कर टूट चुके हैं और छत पर घास उग आई है। यह हालात पिछले तीन साल से बने हुए हैं।

स्थिति इतनी खराब है कि नन्हे बच्चों की कक्षाएं गांव से आधा किमी दूर स्थित मिडिल स्कूल में लगाई जा रही हैं। प्राथमिक स्कूल का भवन जर्जर होने के कारण बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए यह कदम उठाया गया है।

ग्रामीणों की परेशानी
गांव के अभिभावक इन हालात से परेशान हैं। बारिश के मौसम में छोटे बच्चों के लिए आधा किमी दूर मिडिल स्कूल तक जाना मुश्किल हो जाता है। वहीं, मिडिल स्कूल भवन में पहले से ही जगह की कमी होने के कारण दोनों स्कूलों के बच्चों को एक साथ बैठाने में दिक्कत हो रही है।

प्रस्ताव अटका हुआ है
सरपंच भेरूलाल परमार ने बताया कि प्राथमिक स्कूल के नए भवन के निर्माण की मांग कई बार शिक्षा विभाग तक पहुंचाई जा चुकी है। लेकिन अब तक स्वीकृति नहीं मिली है। उम्मीद थी कि नए शिक्षा सत्र से पहले बजट मंजूर होगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

शासन से उम्मीद
एडीपीसी गिरीश तिवारी के अनुसार, जिले के करीब 72 स्कूल भवनों के प्रस्ताव शासन को भेजे गए हैं। रतन्याखेड़ी का प्रस्ताव भी इन्हीं में शामिल होने की उम्मीद है।

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